सरकारी नौकरी और योग्यता

              

पहले हम बात करते हैं  कि क्या सरकारी नौकरी एक अच्छा विकल्प है  वर्तमान परिवेश में  गवर्नमेंट सेक्टर में मिलने वाला स्थायित्व,   सामाजिक मान्यता एवं छठवें वेतन आयोग(2008) के बाद मिलने वाला वेतन  कहीं ना कहीं यह सिद्ध करते हैं कि आज भी सरकारी सेक्टर एक बेहतर विकल्प है  साथ ही समय-समय पर 2008 की मंदी हो या कोरोना काल हो  आने वाली समस्याएं इस सिद्धांत को और ज्यादा मजबूती प्रदान करते रहे हैं  तो इसमें कोई शक नहीं है  कि आज भी हमारे देश में गवर्नमेंट सेक्टर प्राथमिकता में  लोगों द्वारा पसंद किया जाता है

          दूसरा हम बात करते हैं कि क्या 12th के तुरन्त बाद सरकारी नौकरी संभव है तो जी हां यह बिल्कुल संभव है देशभर में कुल भर्ती की जाने वाली सरकारी वैकेंसी का लगभग 40% ट्वेल्थ के आधार पर ही भर्ती की जाती है  और यदि इसमे 1 या 2 बर्ष का डिप्लोमा अतिरिक्त जोड़ दिया जाए तो यह आंकड़ा 60% से भी ज्यादा पहुंचता है जिसमें ,नर्सरी शिक्षक,प्राइमरी शिक्षक, पटवारी,स्टेनो,लिपिकीय कैडर ,रेलवे के पद,पुलिस कॉन्स्टेबल ,अर्ध सैनिक बल ,आर्मी, न्यायलय, एसएससी के द्वारा आयोजित सीएचएसएल या अन्य सभी राज्य सरकारों द्वारा आयोजित की जाने वाली 12th लेवल की परीक्षा या ग्रामीण व सहकारी बैंक में लिपिकीय पद , आमतौर पर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी,यह  तृतीय श्रेणी कर्मचारी के कई पद हो सकते है जिनके लिए प्रतियोगी परीक्षा आयोजित की जाती है । अधिकांश छात्र जो मेरे पास आते हैं उनकी यह समस्या होती है कि उन सभी के पेरेंट्स खर्चा नहीं उठा सकते कई बार पेरेंट्स से बात करने पर पता चलता है कि वो 12th तक तो सरकारी स्कूल की मदद से   पढा लेते हैं, पर आगे पढ़ाने में उन्हें दिक्कत आती है इसके अलावा कुछ पेरेंट्स कहते हैं कि कर्ज़ लेकर या संपत्ति बेचकर पढ़ा भी लिया  उसके बाद भी तो कुछ पता नहीं है कि कब तक क्या होगा । क्योंकि उनके आस पास कई उच्च शिक्षित बेरोजगार दिखाई देते हैं , ऐसी स्थिति में  अधिकांश पेरेंट्स है जो या तो बच्चों को  नहीं पढ़ाना चाहते या एक ,दो  या 3 बर्ष से ज्यादा पढ़ाने की हिम्मत नहीं करते ।

12th  के  बाद  कम समय मे सरकारी नोकरी कैसे लें, यह मांग आजकल मध्यवर्ग और ग्रामीण  क्षेत्र में बढ़ रही है हम कुछ बातों को अलग अलग लेख के जरिये समग्रता से समझने की कोशिस करेंगे पहला तो यह कि क्या सरकारी नोकरी एक अच्छा विकल्प है दूसरा क्या 12th  के तुरन्त बाद यह सम्भव है । तीसरा क्या नौकरी के बाद भी पढ़ सकते हैं  और चौथा क्या सभी पेरेंट्स अपने बच्चों को उच्च शिक्षा या प्रोफेशनल कोर्स  कराने में सक्षम है  और पांचवा  यह क्या उच्च शिक्षा या प्रोफेशनल कोर्स भी एक बेहतर कैरियर की गारंटी देते हैं ।

             ऐसी स्थिति में ऐसे बच्चों को ट्वेल्थ के बाद इस प्रकार के कोर्स करना चाहिए जो  कम समय के हों और आपके अवसर बढ़ते हों, या आपको नौकरी में आपकी योग्यता बढ़ाने के लिए जरूरी हो जैसे आप ट्वेल्थ के बाद डिप्लोमा करके प्राइमरी टीचर बन सकते हैं जिसकी  एक बड़े पैमाने पर भर्तियां निकाली जाती है,  इतना ही नहीं यह  उच्च योग्यता से मिलने वाले पदों से भी ज्यादा वेतन  वाला और सम्मान बाला पद है , साथ ही इस पद मे आपको आगे बढ्ने और सीखने के प्र्यप्त अवसर मिलते हें । इसके अलावा आप,स्टेनो या  कंप्यूटर डिप्लोमा करके पटवारी या न्यायालय में कई पदों पर आवेदन कर सकते हैं । इस प्रकार के  डिप्लोमा के  साथ आप एग्जाम की तैयारी शुरू कर  6 महीने अधिकतम 1 वर्ष की  व्यवस्थित व नियोजित तैयारी में आप एग्जाम में  सिलेक्शन ले सकते हैं ।(तैयारी कैसे करें इसकी जानकारी अलग से दी जाएगी)। जॉब की सबसे बड़ी बात है कि आप सिर्फ जॉब ही नहीं करते वल्कि जॉब के साथ आप अपनी पढ़ाई भी जारी कर सकते हैं । वर्तमान में देश भर में डिस्टेंस एजुकेशन काफी प्रचलित रहा है जिससे आप जॉब लेने के बाद हर प्रकार की पढ़ाई कर सकती है और आप जो भी बनना चाहे फ्यूचर में जो भी आपकी इच्छाएं हो  उन्हें पूरी कर सकते हैं । इसका सबसे बड़ा उदाहरण मध्य प्रदेश के वर्तमान प्रसिद्ध के कलेक्टर श्री भरत यादव जो आज एक जिले के कलेक्टर हैं और जिन्होंने 2007 में आईएएस क्वालीफाई किया था ,वह 10th के बाद ही जॉब ज्वाइन कर चुके थे जॉब पर रहते साथ ही उन्होंने पूरी तैयारी की है , एसे और भी कई उदाहरण आपको चारों तरफ मिल जाएंगे , तो जॉब के बाद भी आप यह सब  कर सकते हैं । जो विना जॉब बाला  व्यक्ति करता है ,थोड़ा सा समय ज्यादा  देना पड़ सकता है पर आपके पास ज्यादा कॉन्फिडेंस और ज्यादा संसाधन होते हैं जो आपको आगे बढ़ने में ज्यादा मदद करते हैं ।आज ही आप किसी भी संस्था के परिणाम को देखें तो आपको एहसास होगा की 50% से ज्यादा लोग आज भी पहले से जॉब वाले ही होते हैं , चाहे वो यूपीएससी हो या किसी राजी का लोक सेवा आयोग ।

इसके साथ आप यह भी ध्यान रखें कि सरकारी नौकरी ही सब कुछ नहीं  है , इसके बाहर भी एक दुनिया हे जिसमे इससे बेहतर भी बहुत कुछ है , साथ ही ईएसए भी नहीं है कि सरकारी नौकरी मे सब कुछ अच्छा हे और इसमे किसी प्रकार कि समस्याएँ नहीं होतीं , आप कई अधिकारियों और कर्मचारिओ को ओब्सेर्व करेंगे तो एहसास होगा कि वह भी वैसी ही या उससे भी खराब समस्याओं से गुजरते हें जो गैर शासकीय जॉब या ब्यवसाय बाले लोग गुजरते हें , साथ ही आप यह भी ध्यान रखें यदि आप अपने आप पर काम नहीं कर रहे हें या आपने अपना मानसिक और व्यावहारिक विकास रोक दिया हे तो आप किसी भी जघ हो आप एक सामी बाद अप्रसंगिक हो जाएंगे । इसी मुद्दे पीआर आप मेरे द्वारा लिखी गयी किताब बेरंग लिफाफे भी पढ़ सकते हें जो आपको बचपन से लेकर नौकरी और नौकरी के  बाद का अंतर्द्वंद दिखाती है ,साथ ही यह भी एहसाह कराती हे कि ज़िंदगी वो नहीं होती जो हम हमेशा ख्वाब मे देखते हें , वल्कि वह होती हे जो हम जीते हें , हमें इसे जीना सीखना होगा तभी हम बेहतर परिणाम दे सकते हें ।

ज़िंदगी वो नहीं जो हम चाहते हें ,

ज़िंदगी वो है जो हम जीते हें

चाहतें किसी कि पूरी नहीं होतीं

पर हम चाहतों मे ज़िंदगी चाहते हें ।

मनीष भार्गव

(लेखक – बेरंग लिफाफे )