***** मेसर्स तहसीलदार एंड कम्पनी*****
बहुत पहले की बात है- ब्रिटिश राज्य के समय इंग्लैंड से कुछ विशिष्ट अतिथि भारत यात्रा पर आए, वे भारत के बारे में कम जानते थे एवं उस समय कोई ऐसी संस्था भी नहीं थी जो टूरिस्ट के लिये घूमने की व्यवस्था कर सके,भारत से वापस गए हुए एक अधिकारी ने उनसे कह दिया कि सारे हिन्दुस्तान भर में तहसीलदार हैं,उनसे संपर्क साधने पर सभी प्रबंध हो जाएंगे , अतः भारत आने पर उन्होंने सभी जगह तहसीलदार से संपर्क किया उनकी मनमाफिक व्यवस्था होगयी व वह सभी अपने देश बापस चले गए, उन्होंने सोचा कि तहसीलदार एक ट्रैवलिंग एजेंसी है और उन्होंने उनका आभार व्यक्त करने के लिए लंदन से ‘मेसर्स तहसीलदार एन्ड कम्पनी’ के नाम एक धन्यवाद पत्र भेजा, यह पत्र आज भी मध्यप्रदेश की एक तहसील में सम्मानपूर्वक मढ़वा कर रखा गया है।
यह वताने का उद्देश्य यह था कि तहसीलदार का पद एक सम्मानपूर्ण पद है जो लगभग 500 वर्ष से भारत की व्यवस्था में है, और आज भी यह सभी मंत्रियों के खर्चे व अधिकारियों को अपने क्षेत्र के पर्यटन स्थल घुमाने के लिए रेस्ट हाउस में व्यवस्था करने से लेकर उनके परिवार को घुमाने की व्यवस्था करता है,कई तहसीलदारों द्वारा बड़े बड़े मंत्री, न्यायाधीश, अधिकारियों की व्यवस्था करते हुए मैंने काफी समय तक नजदीक से देखा, समय समय पर कुछ किस्से आप सभी से शेयर करूँगा,कई सनकी अधिकारी आते हैं जो सोचते हैं कि तहसीलदार को सरकार से बड़ा फंड मिलता है और वह हमारे लिए फाइव स्टार होटल की तरह व्यवस्था नहीं करते, जबकि आपको जानकर आश्चर्य होगा कि तहसीलदार को इन कामों के लिए एक रुपया भी नहीं मिलता और खर्चा लाखों में होता है,कई तहसीलदार डांक बंगले या सर्किट हाउस की बजह से ट्रांसफर तक ले लेते हैं ।