कारपेट एरिया / बिल्ड अप एरिया

संभव सिंह जी अक्सर कहा करते थे”जिसे जानकारी नहीं है या जिसे ज्ञान नहीं है उसे पूरा अधिकार है कि वह ठोकर खाये या धोखा खाये”आजकल प्रोपर्टी को लेकर लाखों केस उच्च व उच्चतम न्यायालय में दर्ज हैं, यदि देश के सभी प्रचलित वादों का अध्ययन करें तो पता चलता है 50% से ज्यादा केस सिर्फ संपत्ति विवाद हैं,आजकल महानगरों में फ्लैट को लेकर आये दिन विवाद देखने को मिलते हैं कभी क्वालिटी को लेकर तो कभी बनाने के समय को लेकर तो कभी बिल्डर बीच में ही प्रोजेक्ट छोड़कर भाग खड़ा होता है, आज सिर्फ एनसीआर में ही 10000 स ज्यादा फ्लेट इस प्रकार की श्रेणी में हैंRERA के तहत इन सबका ध्यान रखने का प्रयास किया है, रेरा कानून कितना उम्मीदों पर खरा उतरेगा यह आने वाला समय ही बता पायेगाफ्लैट के प्रचार के समय अक्सर कम्पनी जिस एरिया का दाबा करती है उससे कम एरिया ही बना हुआ मिलता है, यह शिकायत अक्सर लोगों की रहती है, इसकी एक बजह यह भी है कि संवंधित बिल्डर सुपर बिल्डअप एरिया दिखाता है और हम उसी को एरिया मान लेते हैं इन सभी प्रकार के एरिया में अंतर जान लेना भी जरूरी हैकारपेट एरियाबिल्ड अप एरियासुपर बिल्ड अप एरियाकारपेट एरिया मतलब आपके दरवाजे के अंदर का वह एरिया जिसका आप डायरेक्ट उपयोग करेंगे,जिसमें कारपेट बिछाई जा सके जैसे बेडरूम, टायलेट,ड्राइंग रूम, किचन, बालकनी आदिअब आप सोचेंगे इसके बाद क्या बचता है तो इसके बाद आता है बिल्ड अप एरिया जिसमें दीवारों के एरिया,इंटेरियर का एरिया इसे मिलाकर लगभग 20से 30% तक बढ़ जाता हैअब आप सोचेंगे इसके बाद क्याइसके बाद घर के बाहर कॉमन एरिया,लिफ्ट,पार्किंग,छत पर रखी पानी की टंकी, शाफ़्ट,पैदल चलने वाली रोड़, सीढियां क्लब या और भी कुछ जो बिल्डर जोड़ सके जैसे मीटर लगाने की जगह,मोटर लगानी की जगह आदि इन सब का एरिया मिलाकर बनता है सुपर बिल्ड अप एरियाबिल्डर आपको जो sms भेजते हैं कि 1150 sq फीट में 2bhk सिर्फ 60 लाख में तो चेक करें हो सकता है वह सिर्फ 650 sq फीट में ही बना हो आजकल हमारे चारों तरफ मार्केटिंग और लालच का जाल फैला हुआ है आप खुद नहीं जानेंगे या जागरूक नहीं रहेंगे तो धोखा खाने का पूरा अधिकार है आपको

मनीष भार्गव